धारा ३०२
आज मुझे विद्यालय अपनी कार से जाना पड़ रहा था।नयी जगह पोस्टिंग हुई थी , तो अभी आने -जाने का बंदोबस्त नहीं हो पाया था। चूंकि मुझे कार चलानी नहीं आती है इसलिए एप के द्वारा ड्राइवर बुक करके जाना पड़ रहा था। पहले भी कई बार गयी थी, कुछ नया नहीं था लेकिन ड्राइवर में एक बात थी कि वह बातूनी बहुत था, बातें मैं भी कम नहीं करती, लेकिन अनजान लोगों से कम ही बोलना अच्छा रहता है। खैर!हम दोनों गंतव्य की ओर चले, डेढ़ से पौने दो घण्टे का समय मुझे बिताना था। ड्राइवर २५-२६ वर्ष का नौजवान था, बोलने के तरीके से पढ़ा -लिखा लग रहा था, उसने बात शुरू कि,"मैम आप रोज ड्राइवर लेकर जाते हैं?" मैंने उत्तर दिया, "कभी- कभी। मेरे संक्षिप्त जवाब से कार में फिर से शान्ति छा गयी। थोड़ी देर बाद उसने, ट्रैफिक, सड़क, स्पीड ब्रेकर आदि की चर्चा से बातों का अनवरत सिलसिला शुरू किया। बातों - बातों में उसने बताया कि उसकी उम्र ज्यादा नहीं है, लेकिन शादी जल्दी हो जाने के कारण वह दो बच्चों का पिता है।घर में उसके माता-पिता और पत्नी -बच्चे सब साथ रहते हैं। फिर उसने बताया कि पांच साल पहले उसके बड़े भाई का परिवार भी साथ रहत...